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प्रफुल्ल पटेल पर भ्रष्टाचार से जुड़े केस बंद, कांग्रेस ने कहा-मनमोहन सिंह से माफ़ी माँगें मोदी!

 01 Apr 2024

लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित) के नेता प्रफुल्ल पटेल को बीजेपी का साथ देने का इनाम मिल गया है। उन पर सीबीआई ने 850 करोड़ के भ्रष्टाचार से जुड़े सभी केस बंद कर दिये हैं। सीबीआई ने कहा है कि उसे इस मामले में गड़बड़ी का कोई सबूत नहीं मिला। प्रफुल्ल पटेल उन बागी एनसीपी नेताओं में शामिल थे जिन्होंने बीजेपी और शिवसेना(एकनाथ शिंदे) खेमे के साथ महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शरद पवार के भतीजे अजित पवार का साथ दिया था। सीबीआई ने प्रफुल्ल पटेल के साथ तत्कालीन नागरिक उड्डयन मंत्रालय से जुड़े लोगों और एयर इंडिया के अधिकारियों को भी क्लीन चिट दे दी है। कभी बीजेपी इसे भ्रष्टाचार का बड़ा मुद्दा बताते हुए एनसीपी पर हमला करती थी।


 क्या है मामला

यूपीए शासन के दौरान नागरिक उड्डयन मंत्री रहते प्रफुल्ल पटेल पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे। यूपीए शासन में मंत्री पद पर रहने के दौरान लगे थे। 2017 की एफआईआर में सीबीआई ने आरोप लगाया था कि एयर इंडिया ने निजी पार्टियों को फायदा पहुंचाने के लिए 2006 में पांच साल की अवधि के लिए चार बोइंग-777 को पट्टे पर लिया। लेकिन पांच बोइंग 777 और पांच बोइंग 737 को 2007-09 की अवधि के दौरान इस्तेमाल ही नहीं किया गया। इससे सरकारी खजाने को 840 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस मामले की जांच शुरू की गई थी।

प्रफुल्ल पटेल को क्लीनचिट दिए जाने पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को पूर्व पीएम मनमोहन सिंह से माफी मांगनी चाहिए। जयराम रमेश ने कहा तो इसका मतलब है कि यूपीए सरकार के खिलाफ भाजपा द्वारा लगाया गया एक हाई-प्रोफाइल आरोप फर्जी और गलत था। प्रधानमंत्री को अब डॉ. मनमोहन सिंह और देश से माफी मांगनी चाहिए।

एनडीए से जुड़ किन नेताओ को मिली क्लीन चिट

महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक में कथित 25,000 करोड़ रुपये के घोटाले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात का आरोप लगा था। मुंबई की आर्थिक अपराध शाखा पुलिस ने अब कहा है कि तथ्यों की गलती के कारण आपराधिक मामला दर्ज किया गया था। एनडीए में शामिल होने के बाद उनके सारे केस बंद कर दिए गए।

असम के मुख्यमंत्री हेमंता बिस्वा शर्मा पर शारदा चिट फंड घोटाले में सीबीआई ने 2014 में उनके घर और दफ्तर में रेड मारी थी। हाई कोर्ट में ने सीबीआई को जांच सौंप दी गई । इसके बाद हेमंता बीजेपी में शामिल हो गए, बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्हें कभी सीबीआई ने पूछताछ के लिए नहीं बुलाया।

बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी का शारदा चिटफंड मामले में नाम आया था। इसकी जांच भी ईडी और सीबीआई द्वारा की जा रही है। शारदा चिटफंड घोटाला मामले में गिरफ्तार शारदा कंपनी के मुखिया सुदीप्त सेन ने दिसंबर 2020 में सीबीआई को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में पैसे लेने वाले कई नेताओं के नाम का जिक्र किया था। इस पत्र में कहा गया था कि सुवेंदु अधिकारी ने उससे छह करोड़ रुपए लिए थे। सुवेंदु अधिकारी अब बंगाल में बीजेपी के बड़े नेता बन गए है। अब उनसे ईडी और सीबीआई द्वारा कोई पूछताछ नहीं हो रही है।

नारायण राणे महाराष्ट्र के बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री हैं। बीजेपी से पहले वो शिवसेना और कांग्रेस में रहे। 2016 में बीजेपी के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने नारायण राणे पर कई गंभीर आरोप लगाये थे। सोमैया ने ईडी के तत्कालीन ज्वाइंट डायरेक्टर सत्यव्रत कुमार को एक चिट्ठी भी लिखी थी जिसमें उन्होंने नारायण राणे और उनके परिवार के बिजनेस की जांच कराने की मांग की थी। राणे पर 300 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया था। राणे 2017 में कांग्रेस से अलग होने के बाद 2018 में बीजेपी में शामिल हो गए। बीजेपी ने उन्हें राज्यसभा सांसद बनाया। इसके बाद नारायण राणे पर लगे आरोपों की कोई जांच नहीं हुई।